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ApolloSage Hospitals VOMITING AND STOMACH PROBLEMS ARE BOTHERING YOU PREVENT IT THIS WAY

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उल्टी और पेट की परेशाीनी ने कर रखा है परेशान तो ऐसे करें बचाव

उल्टी और पेट की परेशाीनी ने कर रखा है परेशान तो ऐसे करें बचाव

पूरी दुनिया में डायरिया बच्चों और बुजुर्गों की मौत का बड़ा कारण है। हाल ही में ‘लैंसेट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, डायरिया बीते कई दशकों से उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों की मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है। ‘लैंसेट’ में पब्लिश इस स्टडी के मुताबिक, साल 2021 में डायरिया के कारण 12 लाख लोगों की मौत हुई थी।

Table Content

  • डायरिया क्या है? 
  • डायरिया के प्रकार 
  • डायरिया के कारण 
  • डायरिया के लक्षण
  • डायरिया का इलाज
  • डायरिया की रोकथाम 
  • डायरिया को कैसे करें कंट्रोल?
  • डायरिया का निदान 
  • क्या है कोल्ड डायरिया?
  • कोल्ड डायरिया के लक्षण?
  • कोल्ड डायरिया के लक्षण?
  • बच्चों को कोल्ड डायरिया से कैंसे बचाएं
  • सर्दियों में ऐसे डिहाइड्रेशन से बच्चों को बचाएं
  • समस्या से संबंधित सवाल-जवाब

डायरिया क्या है? (What is diarrhea?)

डायरिया को आम बोलचाल की भाषा में दस्त (Loose Motion) भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र से संबंधित एक विकार यानी डिसऑर्डर है ,जिसमें मरीज को पतला मल होता है। मुख्य रूप से यह समस्या रोटावायरस के कारण होती है, लेकिन कुछ मामलों में साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणु भी इसका कारण बन सकते हैं। साथ ही, कुछ खास प्रकार की दवाओं के सेवन, हार्मोनल विकार या आंतों में सूजन के कारण भी डायरिया की शिकायत हो सकती है। खान-पान और साफ-सफाई पर ध्यान देकर वायरस या बैक्टीरिया से होने वाले डायरिया को आसानी से रोका जा सकता है।

डायरिया के प्रकार (Types of Diarrhea)

डायरिया को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें एक्यूट डायरिया, परसिस्टेंट डायरिया और क्रोनिक डायरिया शामिल हैं।

  • एक्यूट डायरिया: यह सबसे कॉमन प्रकार का डायरिया है, जिसमें पानी जैसा पतला दस्त होता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ जाने पर यह समस्या अपने आप ही कम जाती है।
  • परसिस्टेंट डायरिया: इस प्रकार का दस्त लगभग 2-4 सप्ताह तक रहता है। इस स्थिति में दिन में से तीन बार या उससे अधिक ढीले मल होते हैं।
  • क्रोनिक डायरिया: इस प्रकार का डायरिया चार सप्ताह से अधिक समय तक रह सकता है, जिससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

डायरिया की गंभीरता, उसके प्रकार और कारण की पुष्टि करने के लिए लक्षण और नैदानिक परीक्षण की सहायता ली जा सकती है।

डायरिया के कारण (Causes of Diarrhea)

डायरिया का सबसे बड़ा कारण एक वायरस है, जो आंतों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसे वायरल गैस्ट्रो एंड्राइड व आंतों का फ्लू भी कहते हैं। हालांकि, डायरिया के दूसरे भी कारण हो सकते हैं जैसे कि-

  • इंफेक्शन होना
  • खान-पान में एहतियात न बरतना
  • किसी दवा का साइड इफेक्ट्स होना
  • खान-पान की चीजों के प्रति एलर्जी होना
  • वायरल इंफेक्शन होना
  • रेडिएशन थेरेपी कराना
  • फूड पोइजनिंग होना
  • गंदगी के कारण

ऊपर दिए गए कारकों पर ध्यान देकर डायरिया के खतरे को कम किया जा सकता है। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। हालांकि, डायरिया होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD): आईबीडी आंतों में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल में खून आना जैसे दस्त के लक्षण पैदा कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण आपकी बड़ी आंत और मलाशय (Rectum) के सबसे भीतरी लाइनिंग में अल्सर का कारण बनती है।
  • मालएब्जॉर्प्शन (Malabsorption): जब आपका पाचन तंत्र भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विफल हो जाता है, तो आपको डायरिया के लक्षण (diarrhoea symptoms) नजर आ सकते हैं।
  • दवाएं (Medicines): लैक्सेटिव्स और अन्य दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स के सेवन से भी डायरिया हो सकता है।
  • हार्मोनल विकार (Hormonal disorders): हार्मोन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर इर्रेगुलर बाउल मूवमेंट और अन्य डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन लोगों को एडिसन्स रोग (Addison's disease) होता है, उनमें हार्मोन स्टेरॉयड का लेवल अपर्याप्त होता है। ऐसे में इन्हें डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।

डायरिया के लक्षण (Symptoms of Diarrhea)

डायरिया के कई लक्षण होते हैं, जिनकी मदद से आप इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि आपको डायरिया की समस्या है। डायरिया के लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

  • पानी का मल (पतला मल) आना
  • अत्यधिक मतली आना
  • पेट में दर्द और सूजन होना
  • शरीर में पानी की कमी होना
  • बार-बार बुखार आना
  • मल के साथ खून आना
  • बदहजमी की शिकायत होना
  • भूख में कमी आना
  • पेट में ऐंठन होना
  • कभी-कभी मतली के साथ उल्टी होना

अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं, तो आपको बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

डायरिया का इलाज (Treatment of Diarrhea)

डायरिया होने पर बार-बार पतला मल होता है, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी के कारण शरीर में कमजोरी और दूसरी समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसे में शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर अधिक से अधिक तरल पदार्थों के सेवन का सुझाव देते हैं। शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोलाइट या स्पोर्ट्स ड्रिंक आदि का भी सुझाव दे सकते हैं। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर इंट्रावीनस के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ पहुंचाते हैं, ताकि शरीर की कमजोरी को दूर किया जा सके। अगर डायरिया का कारण बैक्टीरिया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाएं निर्धारित करते हैं।

डायरिया की रोकथाम (Prevention of Diarrhea)

डायरिया की रोकथाम करने के लिए आप कुछ बातों को ध्यान में रख सकते हैं जैसे कि

  • शुद्ध पानी पीएं
  • अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं
  • ताजा पके हुए गर्म खाने का सेवन करें
  • कच्चे भोजन का सेवन करने से बचें
  • चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट आदि के सेवन से बचें
  • बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
  • बचे हुए खाने को तुरंत फ्रिज में रख दें
  • इन सबके अलावा, डायरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श कर उचित इलाज कराएं।

डायरिया को कैसे करें कंट्रोल (How To Manage Diarrhoea?)

आप जो कुछ भी खाते हैं, वह डायरिया के लक्षणों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि, इस समस्या के होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए खुद को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। इसके अलावा, डायरिया होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें, क्योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन ना करें, क्योंकि इससे पेट फूल सकता है। डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, चाय और कॉफी भूलकर भी ना लें। डायरिया में लो-फाइबर युक्त डायट लेना हेल्दी हो सकता है। आलू, व्हाइट राइस भोजन में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।

डायरिया का निदान (Diagnosis Of Diarrhoea)

डायरिया होने पर निदान के लिए मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस समस्या को इसके लक्षणों के जरिए ही बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। हालाकि, कुछ टेस्ट के जरिए डायरिया होने के मुख्य कारणों का पता लगाया जाता है। ये टेस्ट इस प्रकार हैं:-

  • फास्टिंग ब्लड टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि कहीं आपको फूड इन्टॉलरेंस या एलर्जी के कारण तो यह समस्या नहीं हो रही।
  • आंतों में सूजन (inflammation) और संरचनात्मक असामान्यताओं (structural abnormalities)  को देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट की जाती है, खासकर उन लोगों में जिनकी स्थिति गंभीर या क्रोनिक है।
  • बैक्टीरिया, पैरासाइट्स या अन्य रोगजनकों (Pathogenes) की जांच के लिए स्टूल या यूरिन टेस्ट की जाती है।

डायरिया में अदरक की चाय पीने के लाभ (Benefits of drinking ginger tea in diarrhea)

अदरक की चाय ना सिर्फ सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश को दूर करती है, बल्कि डायरिया (Diarrhoea) में भी आराम पहुंचाती है। घर पर अदरक की चाय बनाकर पिएं, जब भी डायरिया हो। अदरक से डायरिया का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का सफाया होता है।

डायरिया में पुदीने वाली चाय पीने के फायदे (Benefits of drinking mint tea in diarrhea)

डायरिया में आप पुदीने का सेवन करें। हर्ब (Herbal tea to cure Diarrhoea) के तौर पर पुदाना बहुत ही गुणकारी है। इसमें कई तरह के पोषक तत्वों के अलावा एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इससे डायरिया के लक्षणों जैसे ऐंठन, मरोड़, पेट दर्द, गैस, अपच, डायरिया (Diarrhea) आदि ठीक होता है। पुदीने की कुछ पत्तियां लें। इन्हें मिक्सी में पीस लें। इसे निचोड़कर रस निकालें। इस रस को आप पानी में मिलाकर हर्बल टी बनाएं और सेवन करें।

डायरिया में नींबू वाली चाय पीने के फायदे (Benefits of drinking lemon tea in diarrhea)

नींबू की चाय पीना भी फायदा पहुंचाएगा। एक कप पानी लें। इसे गैस पर किसी बर्तन में डालकर उबालें। इसमें नींबू का रस, शहद डालें। इस लेमन-हनी टी का सेवन करें। एंटीऑक्सीडेंट्स होने के कारण शरीर को कई तरह से आराम पहुंचाता है। नींबू में मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करती है।

क्या है कोल्ड डायरिया (What is cold diarrhea?)

हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जैसे सर्दियों में अन्य बीमारियां होती है. वैसे ही बच्चों को ठंड में कोल्ड डायरिया की बीमारी होती है। डॉक्टर्स के अनुसार 6 महीने से लेकर 5 साल के बच्चों को कोल्ड डायरिया हो सकता है। जब बच्चों को कोल्ड डायरिया होता है तो उस समय उनको सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार भी होता है। सर्दी-जुकाम के साथ डायरिया होने के कारण इसे कोल्ड डायरिया कहा जाता है। सर्दी के मौसम में होने वाली यह बीमारी बच्चों को बहुत कमजोर बना देती है। कमजोरी की वजह से बच्चों को अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

कोल्ड डायरिया के लक्षण (Symptoms of cold diarrhea)

सामान्य तौर पर जब बच्चों को सर्दी-जुकाम और खांसी के साथ दस्त की समस्या हो तो यह कोल्ड डायरिया है। भारत के गांव-कस्बों में लोग ऐसी स्थिति में बच्चों को एंटीबायोटिक दवा देने लगते हैं। कोल्ड डायरिया में बच्चे को एंटीबायोटिक्स दवा नहीं देनी चाहिए।

बच्चों को कोल्ड डायरिया से कैंसे बचाएं? (How to protect children from cold diarrhea?)

सर्दियों में बच्चों की विशेष देखभाल करनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं की सर्दियों में बच्चों को गुनगुना और तरल पदार्थ वाले खाने अधिक देने चाहिए। बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। डायरिया या दस्त होने पर मूंग दाल की खिचड़ी के अलावा दही, ओआरएस घोल देते रहना चाहिए।

सर्दियों में डिहाइड्रेशन से बच्चों को बचाएं (Protect children from dehydration in winter)

सर्दियों में बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाना जरूरी होता है। नियमित अंतराल पर बच्चों को पानी पिलाते रहना चाहिए। ठंड में गुनगुना पानी पीलाना ज्यादा फायदेमंद होता है। बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने पर डायरिया का खतरा बढ़ जाता है।

समस्या से संबंधित सवाल-जवाब (Questions and answers related to the problem)

1. डायरिया कितने दिन में ठीक होता है?
(How many days does diarrhea take to heal?)
आमतौर पर डायरिया 3-5 दिनों के अंदर ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह लंबे समय तक भी रुक सकता है।

2. डायरिया कितने प्रकार के होते हैं?
(How many types of diarrhea are there?)
मुख्य रूप से डायरिया को तीन भागों में बांटा गया है जिसमें एक्यूट डायरिया, परसिस्टेंट डायरिया और क्रोनिक डायरिया शामिल हैं।

3. डायरिया में क्या नहीं खाना चाहिए?
(What should not be eaten in diarrhea?)
डायरिया होने पर अधिक फाइबर, मसालेदार, तैलीय और मीठी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

अपोलो सेज हॉस्पिटल के बारे में (About Apollo Sage Hospital)

अपोलो सेज हॉस्पिटल एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल है और भोपाल से लेकर विश्व स्तर तक के रोगियों और उनके परिवारों द्वारा भरोसेमंद अग्रणी, प्रतिष्ठित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक है। यहां सामान्य चिकित्सा, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, आर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, लिवर ट्रांसप्लांट, बोन मेरो  ट्रांसप्लांटेशन, नेफ्रोलॉजी, गायनोकोलॉजी, ऑप्थेल्मोलॉजी और अन्य सभी चिकित्सकीय विभाग बने हुए हैं। जिसकी सुविधाओं की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से लैस है। यहां अत्यधिक योग्य और अनुभवी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम है जो रोगी की चौबीसों घंटे देखभाल करने के लिए तैयार रहते हैं।

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