SOME TIPS TO TAKE CARE OF HEART AND LUNGS FROM COLD WINDS
ठंडी हवाओं से दिल और फेफड़ों की देखभाल के खास टिप्स
सर्दी का मौसम अपने साथ न केवल राहत और उत्सव लेकर आता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। दिसंबर की कड़ाके की ठंड हार्ट और लंग्स पर गहरा प्रभाव डालती है। ठंड के साथ वायु प्रदूषण, विशेषकर पीएम 2.5 के कण, स्वास्थ्य समस्याओं को कई गुना बढ़ा देते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि ठंड में किस तरह से स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए और गंभीर बीमारियों से बचा जाए।
ठंड और स्वास्थ्य: क्या है संबंध?
सर्दियों में तापमान में गिरावट के कारण शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। यह प्रक्रिया ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है, जो अंततः हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। वहीं, ठंड और कोहरे का मेल वायु प्रदूषण को और खतरनाक बना देता है। कोहरे में मौजूद पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कण फेफड़ों में जाकर खून में मिल जाते हैं। ये कण न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ाते हैं।
किन्हें होता है ज्यादा खतरा?
- 1. बच्चे: बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वे वायरल इंफेक्शन और सांस की बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ठंड में उनका स्वास्थ्य विशेष ध्यान मांगता है।
- 2. बुजुर्ग: बुजुर्गों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा सर्दियों में बढ़ जाता है। कमजोर शरीर और अन्य पुरानी बीमारियों की वजह से ठंड उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
- 3. युवा: हालांकि युवाओं में इम्यूनिटी बेहतर होती है, लेकिन ठंड में लापरवाही बरतने से वे भी सांस की समस्याओं और हृदय संबंधी परेशानियों का शिकार हो सकते हैं।
ठंड में हार्ट और सांस की बीमारियां क्यों बढ़ती हैं?
- 1. रक्त वाहिनियों का सिकुड़ना:
सर्दी के मौसम में रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट होती है। यह स्थिति ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- 2. वायु प्रदूषण का बढ़ता असर:
सर्दियों में हवा स्थिर हो जाती है और वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। पीएम 2.5 और अन्य प्रदूषक फेफड़ों को गहराई से प्रभावित करते हैं। इन कणों का लंबे समय तक संपर्क हृदय और श्वसन तंत्र पर बुरा असर डालता है।
- 3. इम्यूनिटी का कमजोर होना:
ठंड में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। यह वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के लिए शरीर को अधिक संवेदनशील बनाता है।
- 4. व्यायाम और खुली हवा में जाने की कमी:
ठंड के कारण लोग अक्सर बाहर जाने से बचते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। यह भी हृदय और फेफड़ों की समस्याओं को बढ़ावा देता है।
सर्दियों में सेहत का ख्याल कैसे रखें?
- 1. गर्म कपड़ों का उपयोग:
हमेशा गर्म कपड़े पहनें और शरीर को ठंड से बचाएं। अचानक ठंडे वातावरण में जाने से बचें।
- 2. खानपान पर ध्यान दें:
सर्दियों में स्वस्थ आहार का सेवन जरूरी है। हरी सब्जियां, ताजे फल, और गर्म सूप को डाइट में शामिल करें। विटामिन सी और डी युक्त आहार इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
- 3. व्यायाम का सही समय चुनें:
ठंड में सुबह जल्दी वर्कआउट करने से बचें। इसके बजाय दिन में हल्की धूप में व्यायाम करना बेहतर होता है।
- 4. वायु प्रदूषण से बचाव:
बाहर जाते समय मास्क पहनें, खासतौर पर सुबह और शाम के समय जब स्मॉग ज्यादा होता है।
- 5. नियमित स्वास्थ्य जांच:
ब्लड प्रेशर और हार्ट की नियमित जांच कराएं। अगर आप पहले से किसी हृदय या सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।
सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल
1. बच्चों के लिए
- - ठंडे पेय पदार्थों से बचाएं।
- - गर्म कपड़े पहनाएं और उनके खानपान में पोषण का विशेष ध्यान दें।
- - स्कूल जाते समय मास्क पहनना अनिवार्य बनाएं।
2. बुजुर्गों के लिए:
- - नियमित रूप से दवाइयां लें और डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
- - दिन के समय धूप सेंकें।
- - तनावमुक्त और सक्रिय रहने का प्रयास करें।
हार्ट और लंग्स को ठंड में कैसे सुरक्षित रखें?
हृदय के लिए टिप्स:
- - ठंडे वातावरण में अचानक न जाएं।
- - अधिक नमक और फैट वाले भोजन से बचें।
- - तनावमुक्त रहें और नियमित मेडिटेशन करें।
फेफड़ों के लिए टिप्स:
- - सुबह-सुबह कोहरे और स्मॉग में बाहर जाने से बचें।
- - धूम्रपान न करें और दूसरों को भी न करने दें।
- - घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
निष्कर्ष: सर्दियों में स्वस्थ रहना जरूरी
दिसंबर की ठंड स्वास्थ्य के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन सही उपाय और सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। हृदय और फेफड़ों का विशेष ध्यान रखना, खानपान में बदलाव करना, और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना, इन बीमारियों से बचाव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
याद रखें, ठंड का आनंद तभी लिया जा सकता है जब आप स्वस्थ हों। तो इस सर्दी में खुद का और अपने प्रियजनों का ख्याल रखें और स्वस्थ जीवन जीने की ओर कदम बढ़ाएं।
डॉ. किसलय श्रीवास्तव
MD, DNB
Total Experience:- 15 Years
Best cardiologist in Bhopal