
HYDRO WATER BIRTH DELIVERY IN INDIA WITH PAINLESS TREATMENT
पूरे मध्यभारत में सिर्फ भोपाल में होती है वॉटर बर्थ डिलीवरी

मां बनना एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है। यही वजह है कि अधिकतर महिलाएं चाहती हैं कि बच्चे का दुनिया में आना भी सुरक्षित व सरल ढंग से हो। इसी को ध्यान में रखते हुए अब भोपाल में वॉटर रबर्थ का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। सेंट्रल । सेंट्रल इंडिया में भोपाल एक मात्र शहर है, जहां वॉटर बर्थ की सुविधा है। खास बात यह है कि वॉटर बर्थ के लिए कई कपल्स सिंगापुर, यूके और यूरोप से भोपाल आए।
1970 में इजाद हुई थी वॉटर बथिंग की टेक्नीक
वॉटर बर्निंग भले ही आज दुनियाभर में प्रचलित हो रही हो, मगर इसका इतिहास काफी पुराना है। इजिप्ट, ग्रीक और रोमन न सभ्यताओं में पानी को एक थेरेपी की तरह इस्तेमाल करने के कई उदाहरण सामने आए हैं। इन्हीं में से एक है पानी में बच्चे का जन्म लेना। इन्हीं ऑब्जर्वेशंस से इंस्पायर होकर 1970 में फ्रेंच ऑब्स्टेट्रिशियन माइकल अॅडिन्ट ने वॉटर बर्थिंग को मॉडर्न एज में री-इवॉल्व किया और इसको मेडिकल प्रैक्टिस का हिस्सा बनाया।
यह हैं फायदे
- लेबर पेन के दौरान गुनगुने पानी में जाते ही मां को लेबर पेन से 90% तक की राहत मिल जाती है।
- पानी में जाने से बॉडी हल्की महसूस होती है, ऐसे में मां अपनी पोजीशन को कंफर्ट के हिसाब से आसानी से बदल पाती है।
- गर्म पानी की वजह से कॉर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन्स का बनना कम हो जाता है, तो मां पैनिक में नहीं होती।
- पानी की बाउंस करने की क्वालिटी से ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड में ऑक्सीजन लेवल अच्छा होता है। इससे हाईपॉक्सिआ का रिस्क भी कम हो जाता है।
6 महीनों में हुए 12 वॉटर बर्थ
मप्र में वॉटर बर्थिंग की शुरुआत करने वालीं गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. अनुपा वालिया ने बताया- अपोलो-सेज हॉस्पिटल में हम बीते 6 महीनों में 12 वॉटर बर्थ डिलीवरी करवा चुके हैं, जिसमें बच्चा और मां दोनों ही स्वस्थ हैं। कुछ कपल्स जोकि सिंगापुर, यूके और यूरोप में रह रहे थे, उन्होंने भी भोपाल में अपने पहले बच्चे की डिलीवरी प्लान की और वॉटर बर्थिंग का ऑप्शन चुना। यह तरीका मेडिसिन्स के जरिए पेनलेस डिलीवरी का ऑप्शन चुनने से ज्यादा बेहतर है, क्योंकि कॉन्स्टिंग में इससे कोई बहुत बड़ा खर्च नहीं आता, साथ ही हेल्थ को कोई साइडइफेक्ट भी नहीं झेलना पड़ता।
कौन चुन सकता है वॉटर बर्थ डिलीवरी
- 1. वॉटर बर्थ डिलीवरी केवल वे फीमेल्स ही - चुन सकती हैं, जिसका पहले सी-सेक्शन न हुआ हो।
- 2. पहली बार मां बन रहीं महिलाएं यदि किसी कॉम्प्लीकेशन से नहीं गुजर रही हैं, तो वॉटर बर्थ चुन सकती हैं।
- 3. इसमें सी-सेक्शन डिलीवरी जितना 80 हजार से 1.30 लाख रुपए तक ही खर्च आता है।
Dr Anupa Walia Lokwani
Total Experience:- 23 Years
Best Obstetrician and gynecologist in Bhopal
MD(OBG), Dip in Laparoscopic & Endoscopic gynae surgeryMD (OBG) PGI Chandigarh,
Dip in Laparoscopic & Endoscopic Gynaecology Surgery (KIEL, Uni Germany), High Risk Pregnancy Specialist